Mobile Recharge Hike: लोकसभा चुनाव के बाद ग्राहकों पर महंगे मोबाइल बिल की मार पड़ सकती है. टेलीकॉम कंपनियों ने टैरिफ प्लान में बढ़ोतरी की योजना बनाई है.
Mobile Recharge Hike: Lok Sabha elections के बाद आम लोगों को महंगे मोबाइल रिचार्ज का झटका लग सकता है. जल्द ही मोबाइल रिचार्ज की कीमतें (Mobile Recharge Price Hike) बढ़ सकती हैं. Economic Times की रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियां टैरिफ बढ़ाने की योजना बना रही हैं. पिछले कुछ सालों में यह चौथी बार है जब टेलीकॉम कंपनियां टैरिफ प्लान में बढ़ोतरी करने जा रही हैं। इस फैसले के बाद ग्राहकों के बिल में करीब 25 फीसदी की बढ़ोतरी देखी जा सकती है. इस फैसले से टेलीकॉम कंपनियों का प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (ARPU) बढ़ जाएगा।
Mobile Recharge Hike: महंगा हो सकता है मोबाइल बिल?
ET की खबर के मुताबिक, देश की बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर कंपनियां आने वाले दिनों में अपने टैरिफ प्लान में 25 फीसदी तक बढ़ोतरी कर बढ़ती प्रतिस्पर्धा और भारी 5G निवेश के बीच उबरने की कोशिश करेंगी. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि भले ही टैरिफ प्लान में भारी बढ़ोतरी होती दिख रही हो, लेकिन शहरों और गांवों में रहने वाले ग्राहकों के लिए यह सामान्य रहेगा. शहरी इलाकों में रहने वाले ग्राहकों का खर्च 3.2 फीसदी से बढ़कर 3.5 फीसदी हो जाएगा. वहीं, गांवों में रहने वाले ग्राहकों का टेलीकॉम पर खर्च 5.2 फीसदी से बढ़कर 5.9 फीसदी हो जाएगा.
Mobile Recharge Hike: सबसे ज्यादा फायदा भारती एयरटेल और जियो को होगा
देश की दो सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों भारती एयरटेल और जियो को सबसे ज्यादा फायदा होने वाला है। एक्सिस कैपिटल की रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम ऑपरेटरों का प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) 16 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में भारती एयरटेल के एआरपीयू में 29 रुपये और भारती एयरटेल में 26 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है।
Mobile Recharge Hike: प्रति यूजर 100 रुपये तक की बढ़ोतरी की उम्मीद है
डेलॉयट, साउथ एशिया के टीएमटी इंडस्ट्री लीडर Piyush Vaish ने कहा है कि टेलीकॉम कंपनियां 5G पर होने वाले खर्च की भरपाई के लिए ARPU को 10 से 15 फीसदी तक बढ़ा सकती हैं। ऐसे में साल के अंत तक ग्राहक के प्लान में प्रति यूजर 100 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। इसके साथ ही पीयूष वैश्य ने यह भी उम्मीद जताई है कि मोबाइल बिल बढ़ने के बाद भी यूजर्स की संख्या में कोई खास फर्क नहीं आएगा. फिलहाल भारत में यूजर्स का फोकस सस्ते मोबाइल बिल से ज्यादा तेज इंटरनेट स्पीड पर है।
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