Azamgarh News: आजमगढ़। खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान के अच्छे उत्पादन के लिए पानी की जरूरत होती है, लेकिन औसत से कम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। तापमान इसी तरह रहा तो इसका असर धान के उत्पादन पर भी पड़ेगा।
Azamgarh News: कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस बार जिले में किसानों ने 2.10 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगाई है। 52.50 लाख क्विंटल उत्पादन का लक्ष्य है। रोपाई के समय से ही मौसम ने किसानों का साथ नहीं दिया।
Azamgarh News: कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जुलाई और अगस्त में 250 से 300 मिमी बारिश होनी चाहिए थी। अगस्त में बारिश ने थोड़ी रफ्तार पकड़ी लेकिन सितंबर में यह रफ्तार फिर धीमी पड़ गई। एक से 21 सितंबर तक जिले में मात्र 58.06 मिमी बारिश हुई है। किसान निजी संसाधनों से सिंचाई कर रहे हैं, लेकिन तेज धूप के कारण एक-दो दिन बाद फिर नमी खत्म हो जा रही है। ऐसे में किसानों के लिए धान की फसल बचाना मुश्किल हो जा रहा है।
वर्ष- 2022- 2023- 2024
जून- 30.8- 48.2- 10.2
जुलाई- 127.19- 134.82- 174.95
अगस्त- 81.62- 91.78- 203.55
सितंबर- 175.33- 71.2- 58.06 अब तक
नोट- बारिश के आंकड़े मिलीमीटर में हैं। धान के खेत में नमी बनाए रखना जरूरी
Azamgarh News: जुलाई, अगस्त में औसत से कम बारिश, सितंबर भी सूखा
कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ. रुद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस समय धान फूलने की अवस्था में है। धीरे-धीरे बालियां भी निकल रही हैं। धूप के कारण तापमान बढ़ रहा है और बारिश नहीं हो रही है। ऐसे में किसानों को अपने धान के खेत में नमी बनाए रखनी होगी। फसल में किसी भी तरह के रोग के लक्षण दिखें तो तुरंत कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लें। Amarujala