Azamgarh News: रानी की सराय। शारदा सहायक नहर में पानी न आने से क्षेत्र के किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भीषण गर्मी में किसान फसलों को बचाने के लिए निजी पंपिंग सेट से खेतों की सिंचाई करने को मजबूर हैं। इनमें अधिकांश वे किसान हैं जो संपन्न हैं। आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। महंगे दामों पर डीजल खरीदकर फसलों की सिंचाई करना ऐसे किसानों के बस की बात नहीं है। इससे उनकी फसलें सूखने लगी हैं।
Azamgarh News: विकास खंड रानी की सराय के रोवां, मुरादाबाद, नरहरपुर, दिलोरी अल्लीपुर, मलिक शाहपुर, सोनवारा, ईश्वरपुर, रूद्री व रायपुर समेत दो दर्जन से अधिक गांवों के करीब पांच हजार किसान शारदा सहायक नहर से फसलों की सिंचाई करते हैं। इस समय धान, सब्जी व चारा आदि की खेती करते हैं। लेकिन दिक्कत यह है कि शारदा सहायक नहर में पानी न आने से इन फसलों की सिंचाई करना किसानों के लिए किसी चुनौती से कम साबित नहीं हो रहा है।
Azamgarh News: खेतों में सूख रही है फसलें, नहर में नहीं है पानी
कुछ सक्षम किसान निजी पंपिंग सेट से अपनी फसलों की सिंचाई जरूर कर रहे हैं, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे किसान ऊंचे दामों पर डीजल खरीदकर अपनी फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। इस कारण कई किसानों की धान की फसल खेतों में सूखने के कगार पर है। किसानों का कहना है कि अगर उन्हें पर्याप्त बिजली मिलती तो समय-समय पर फसलों की सिंचाई हो पाती। लेकिन उससे भी उनका साथ छूट गया है।
Azamgarh News: तीन किमी में चलती मिलीं सात इंजन
रानी की सराय। अमर उजाला टीम ने विकास खंड रानी की सराय में नहरों के किनारे पड़ताल की। टीम ने करीब तीन किमी तक नहरों की जांच की। इस दूरी में सात पंपिंग सेट इंजन चलती मिलीं। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है।
सिंचाई हो रही प्रभावित।
Azamgarh News: विकास खंड रानी की सराय के किसान सुरेश, परमहंस कुमार, राघवेंद्र सिंह, कोमल, आलोक, रोहित, कमलेश, जगदीश आदि का कहना है कि सरकार को नहर में पानी छोड़ने के नियम में बदलाव करने की जरूरत है। जब पानी की जरूरत होती है तो नहर से पानी गायब रहता है। ऐसे में ग्रीष्मकालीन फसलों की सिंचाई प्रभावित होती है।
Azamgarh News: डीजल भी इतना सस्ता नहीं है कि पंपिंग सेट से नियमित सिंचाई की जा सके। ऐसे में नहर ही एकमात्र सहारा है लेकिन इसमें पानी न होना भी किसानों के लिए परेशानी खड़ी करता है। इस भीषण गर्मी में फसलों को हर दूसरे-तीसरे दिन पानी की जरूरत होती है।
नहरों में पानी छोड़ने की मांग की गई है। नहरों में पानी आने में एक सप्ताह का समय लगेगा। -वीरेंद्र सिंह, अधिशासी अभियंता शारदा सहायक खंड-23। Amarujala
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